Dresser मेडिकल में ड्रेसर क्या होता है? ड्रेसर की सैलरी और करियर स्कोप

ड्रेसर (Dresser) मेडिकल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला व्यक्ति होता है, जो घावों की देखभाल, पट्टियां बांधने और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने का कार्य करता है। यह पद आमतौर पर अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC), निजी क्लीनिकों और आपातकालीन सेवाओं में आवश्यक होता है।

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Dresser की जिम्मेदारियां

  1. घावों की सफाई और पट्टी करना
  2. टांके (Sutures) लगाना और निकालना
  3. फ्रैक्चर और चोटों के लिए अस्थायी सपोर्ट (Splints) लगाना
  4. बर्न (जलने) और कटने के उपचार में सहायता करना
  5. मरीजों को प्राथमिक चिकित्सा देना
  6. डॉक्टरों और नर्सों की सहायता करना
  7. मेडिकल उपकरणों को स्टरलाइज़ और तैयार करना

ड्रेसर बनने के लिए योग्यता

  • शैक्षणिक योग्यता: आमतौर पर 10वीं या 12वीं पास होना आवश्यक होता है।
  • प्रशिक्षण (Training):
    • ड्रेसर कोर्स सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों में उपलब्ध होता है।
    • इस कोर्स की अवधि 6 महीने से 1 साल तक हो सकती है।
  • अनुभव: कई अस्पतालों में पहले से नर्सिंग या पैरामेडिकल फील्ड में अनुभव आवश्यक हो सकता है।

ड्रेसर कोर्स कहां से करें?

भारत में कई राजकीय मेडिकल कॉलेज, सरकारी स्वास्थ्य विभाग और निजी संस्थान ड्रेसर ट्रेनिंग कोर्स कराते हैं। सरकारी अस्पतालों में भी ड्रेसर पद के लिए भर्तियां होती हैं।

ड्रेसर की सैलरी और करियर स्कोप

  • शुरुआती वेतन ₹10,000 – ₹20,000 प्रति माह हो सकता है।
  • अनुभव बढ़ने के साथ सरकारी अस्पतालों, प्राइवेट क्लीनिक्स और नर्सिंग होम्स में अच्छी नौकरियां मिल सकती हैं।
  • ड्रेसर आगे नर्सिंग, पैरामेडिकल या फिजियोथेरेपी जैसे उच्च स्तर के कोर्स भी कर सकते हैं।

निष्कर्ष

ड्रेसर मेडिकल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आपातकालीन स्थिति में मरीजों को प्राथमिक उपचार देने में सक्षम होता है। यह करियर उन लोगों के लिए अच्छा है जो स्वास्थ्य सेवा में रुचि रखते हैं और मरीजों की देखभाल करना चाहते हैं

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